Latest news
NIT Sexual Harassment Case में प्रौफेसर डिसमिस : MBA की छात्रा ने कहा पेपर में पास करने की एवज में क... बाबा बलबीर सिंह को जत्थेदार घोषित करने वाला निहंग सिंह निकला सरकारी कर्मचारी, जल्द श्री अकाल तख्त पर... जालन्धऱ- स्कूल कीप्रार्थनासभा में गिरा छात्र, अस्पताल में हुई मौत NIA की बड़ी कार्रवाई, अमृतपाल सिंह से संबंधित 1.34 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त ! पंजाब रोडवेज कर्मियों को मिला दीवाली तोहफा हड़ताल खत्म, सरकार ने मानी यह मांग 30 हजार रिश्वत लेते वन विभाग का बड़ा अधिकारी काबू:पेड़ों की कटाई के बदले ठेकेदार से मांगा 35 हजार कमी... Punjab Police के निलंबित AIG मालविंदर की बढ़ी मुश्किले; जबरन वसूली, धोखाधड़ी और रिश्वत लेने का मामला ... जालंधर की 2 लड़कियों ने करवाई आपस में शादी : सुरक्षा के लिए हाईकोर्ट पहुंची; खरड़ के गुरुद्वारा साहि... जांच में शामिल हुए नशा तस्करी केस में बर्खास्त एआईजी राजजीत, वकीलों संग पहुंचे एसटीएफ दफ्तर पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र शुरू, दिवंगत शख्सियतों को दी गई श्रद्धांजलि, राज्यपाल ने कहा..

सतलुज दरिया में गांधी जी की अस्थियां की गई थी प्रवाहित, याद में बनाया गया गांधीधाम

30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी की हत्या के बाद 12 फरवरी 1948 को उनकी अस्थियों देश के अलग-अलग स्थानों पर बहने वाली पवित्र नदियों में प्रवाहित की गई थी। लुधियाना जालंधर जिले के बीचों-बीच बहने वाले सतलुज दरिया में भी महात्मा गांधी की अस्थियां प्रवाहित की गई थी। फिल्लौर के पास तब गांधी जी की अस्थियां सतलुज में है प्रवाहित की गई थी और बाद में सरकार ने इस जगह पर गांधीधाम की स्थापना की ताकि लोग इस स्मारक पर आकर महात्मा गांधी के जीवन से जुड़ सकें लेकिन सरकारों की अनदेखी के कारण गांधीधाम हमेशा वीरान सा रहता है।








फिल्लाैर में सरकार ने गांधीधाम की स्थापना की थी। (फाइल फाेटाे)

सतलुज के किनारे बने गांधीधाम में एक स्मारक बनाया गया है जिस पर गांधी जी के 11व्रत, सत्य, अहिंसा, ब्रहचार्या, अस्वाद, अस्तेय, अपरिग्रह, अभय, छूआछूत निवारण, कार्यिक श्रम, सर्व धर्म संभव और स्वदेशी लिखे गए। महात्मा गांधी का मुख्य अस्थि कलश गंगा नदी मैं प्रयागराज में प्रवाहित किया गया था और इसके अलावा उनकी अस्थियों को अलग-अलग कलशों में रखकर देश की पवित्र नदियों में प्रवाहित किया गया था। महात्मा गांधी प्रकृति एवं प्राकृतिक चिकित्सा के संरक्षक के रूप में भी जाने जाते थे। फ्लोर में महात्मा गांधी के स्मारक के साथ उनकी याद में एक प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र भी स्थापित किया गया है।